यूपी पुलिस के पास अब होंगी सीबीआई जैसी पावर, घोटालेबाजों पर कसेगा शिकंजा

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उत्तर प्रदेश पुलिस अब सीबीआई की तर्ज पर जांच और काम करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार जल्द यूपी स्पेशल पुलिस डेवलपमेंट एक्ट लेकर आ रही है. एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं. सीबीआई की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश पुलिस भी जांच करेगी और जांच एजेंसी के पास सीबीआई के बराबर पावर होंगे.

भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सीबीआई की तरह यूपी की जांच एजेंसी को अधिकार देने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए यूपी स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लाया जाएगा. इस एक्ट के तैयार होने के बाद घोटालों की जांच करने वाली एजेंसी के पास सीबीआई की तरह अधिकार होंगे.

मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश पुलिस के पास घोटालों व अपराध की जांच के लिए स्पेशल एजेंसी विजिलेंस एसआईटी सीबी-सीआईडी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) हैं.

2007 में मायावती सरकार में बड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ था, अंग्रेजों के जमाने की सीआईडी आज सीबीसीआईडी के तौर पर काम कर रही है, अफसरों व सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए विजलेंस बनाई गई, 10 करोड़ से अधिक के घोटालों की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा काम कर रही है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में सीबीआई की तर्ज पर जांच एजेंसी का गठन होगा और यह जांच एजेंसी स्पेशल एक्ट के अधीन काम करेगी.

एसआईटी से कैसे अलग होगी नई जांच एजेंसी

मौजूदा समय में काम कर रही एसआईटी और स्पेशल एक्ट में बनने जा रही जांच एजेंसी में कितना होगा अंतर समझते है. मौजूदा समय की एसआईटी का चीफ डीजी और एडीजी रैंक का अफ़सर होता है जो डीजीपी के अधीन काम करता है. सीबीआई की तरह यूपी स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट बनने के बाद काम करने वाली जांच एजेंसी सीधे उत्तर प्रदेश के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेगी. सीबीआई की तरह उसका अपना अलग डायरेक्टर होगा उसकी अपनी अलग मैन पावर होगी.

मौजूदा समय की एसआईटी विजिलेंस जैसी एजेंसी के अपने थाने नहीं हैं. उनके पास केस लेने के सीमित अधिकार हैं. डीजीपी या शासन के आदेश पर कोई भी केस SIT, EOW आदि जांच एजेंसी को भेज दिया जाता है.

सीबीआई को 3 तरह से दिए जाते हैं, पहला कोर्ट के आदेश पर, दूसरा गृह मंत्रालय के आदेश पर और तीसरा डायरेक्टर सीबीआई के स्वता संज्ञान लेने के बाद गृह मंत्रालय की मंजूरी लेने पर.

पुलिस की जांच एजेंसी अफसरों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में राजनीतिक कारणों से बचती रही है. जैसे उत्तर प्रदेश के एनआरएचएम घोटाले में जब जांच SIT के पास रही कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई लेकिन जांच सीबीआई को गई तो सीबीआई ने डिप्टी सीएमओ आईएएस समेत मंत्रियों को तक जेल भेज दिया. यूपी स्पेशल स्टाइलिश एक्ट के तहत काम करने वाली जांच एजेंसी भी सीबीआई की तरह किसी भी भ्रष्टाचारी घोटालेबाज अफसर नेता की गिरफ्तारी का पावर रखेगी.

एसआईटी में काम करने वाले पुलिसकर्मी पुराने ढर्रे पर ही काम करते रहे हैं, उनकी जांच की कार्यकुशलता को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता, सीबीआई की तर्ज पर बनने वाली जांच एजेंसी में तैनात होने वाले अफसर स्पेशल ट्रेनिंग प्राप्त होंगे उनके लिए एजेंसी में पोस्टिंग साइड पोस्टिंग नहीं होगी,

फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की टीम काम करेगी, एक्ट बनने के बाद जांच एजेंसी को मिलने वाले अधिकार से उनकी गुणवत्ता में भी सुधार आने की उम्मीद है.

इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में जांच एजेंसी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सीबीआई की तर्ज पर यूपी स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट बनाया जाएगा ताकि जांच एजेंसी सीबीआई की तर्ज पर ही ज्यादा अधिकारों के साथ काम कर सकें और भ्रष्टाचारियों घोटालेबाजों पर शिकंजा कसा जा सके.


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