मुजफ्फरनगर न्यूज़ : मुजफ्फरनगर में भाजपा-सपा में फाइट

मुजफ्फरनगर में क्या जाट भाजपा के साथ जाएंगे?
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मुजफ्फरनगर सीट में भाजपा को त्यागी, ठाकुर और सैनी बिरादरी की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सपा से हरेंद्र मलिक प्रत्याशी हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि मुस्लिम और भाजपा का रुठा हुआ वोटर सपा को मिल रहा है। बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति हैं। प्रजापतियों पर पिछले दिनों गाजियाबाद में लाठीचार्ज हुआ था, इसलिए वह भी भाजपा से नाराज हैं। इन समीकरणों का फायदा सपा को मिल रहा है।

मुजफ्फरनगर में क्या जाट भाजपा के साथ जाएंगे?

कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर लोकसभा सीटों पर हवा का रुख समझने के बाद हम कैराना में वहां पहुंचते हैं, जहां सपा प्रत्याशी इकरा हसन हिंदुओं के गांव में प्रचार कर रही हैं। लंदन से पढ़कर कैराना आईं इकरा हसन हिंदू गांव में रोजा खोलती हैं। अपने पिता मुनव्वर हसन का जिक्र करते हुए मंच पर भावुक हो जाती हैं। फिर कहती हैं,”जिस भाजपा सांसद ने 5 साल आपको नहीं सुना। वह अब क्या सुनेंगे।”

मुजफ्फरनगर में क्या जाट भाजपा के साथ जाएंगे?
पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ. रवीन्द्र प्रताप राणा कहते हैं,”100% जाति किसी भी दल के साथ नहीं जाती। कुछ लोग जाति और धर्म से ऊपर उठकर वोट करते हैं। जयंत चौधरी के भाजपा में जाने के बाद वेस्ट यूपी में जाट वोट NDA को ही जाएगा। 2013 में हुए दंगे के बाद रालोद से नाराज जाट वोटर भाजपा में शिफ्ट हो गया। साल 2019 में रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह भाजपा के डॉ. संजीव बालियान के सामने मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव हार गए थे। 2024 में जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर में बालियान के लिए जनसभा की। जाट वोटर भाजपा को ही वोट देगा।”

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